माँ दुर्गा के 32 नाम: चमत्कारी प्रभाव और अनुष्ठान
महिषासुर वध के बाद त्रिदेवों और देवताओं की याचना पर माँ दुर्गा ने दिए बत्तीस नामों का उपदेश। पढ़ें कैसे इस जप से कठिन से कठिन विपत्ति से मुक्ति पाई जा सकती है।
दुर्गा बत्तीस नामावली
कलियुग में सभी आधी, व्याधि, और उपाधि से पीड़ित हैं। कहते हैं कि कलियुग में हनुमान, भैरव, गणपति, गुरु और चंडी यानी माँ दुर्गा थोड़ी सी भी भक्ति और अनुष्ठान से प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।
माँ दुर्गा के 32 नाम: जपने से पूरे होंगे सारे काम
माँ दुर्गा के 32 नामों का जप करने से भयंकर बीमारियों, आर्थिक समस्याओं, नोकरी में तकलीफ, घरेलू झगड़ा, मनवांछित काम में रुकावट जैसी कोई भी दुख, समस्या, या तकलीफ का निवारण होता है। मार्कंडेय पुराण में उल्लेखित यह अमोघ नामावली आपकी हर समस्या का समाधान देगी।
माँ दुर्गा के 32 नाम
- ॐ दुर्गा
- दुर्गतिशमनी
- दुर्गाद्विनिवारिणी
- दुर्गमच्छेदनी
- दुर्गसाधिनी
- दुर्गनाशिनी
- दुर्गतोद्धारिणी
- दुर्गनिहन्त्री
- दुर्गमापहा
- दुर्गमज्ञानदा
- दुर्गदैत्यलोकदवानला
- दुर्गमा
- दुर्गमालोका
- दुर्गमात्मस्वरुपिणी
- दुर्गमार्गप्रदा
- दुर्गम विद्या
- दुर्गमाश्रिता
- दुर्गमज्ञान संस्थाना
- दुर्गमध्यान भासिनी
- दुर्गमोहा
- दुर्गमगा
- दुर्गमार्थस्वरुपिणी
- दुर्गमासुर संहंत्रि
- दुर्गमायुध धारिणी
- दुर्गमांगी
- दुर्गमता
- दुर्गम्या
- दुर्गमेश्वरी
- दुर्गभीमा
- दुर्गभामा
- दुर्गमो
- दुर्गोद्धारिणी
अनुष्ठान की विधि
देहशुद्धि के बाद कुश या कम्बल के आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके घी के दीपक के सामने इन नामों की 5/11/21/108 माला 9 या 21 दिन तक करें और जगत माता से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की याचना करें।
शुद्ध उच्चारण के साथ दुर्गा बत्तीस नामावली का पाठ करें।
माँ दुर्गा के स्वरुप को प्रतिष्ठित करके धूप, अगरबत्ती और दीया प्रज्वलित करने के बाद अपनी साधना और माला जप शुरू करें।
अनुष्ठान करने के लिए नवरात्रि का समय उत्तम होता है। मुख्य नवरात्रि: पोष, चैत्र, आषाढ़, आश्विन। इसके अतिरिक्त हर महीने की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक मासिक नवरात्रि भी उपयुक्त समय है।
अनुष्ठान शुरू करने से पहले माताजी की विधिवत पूजा करके संकल्प लेकर साधना शुरू करें।
अष्टमी पर कुमारी पूजन करें और भोजन करवाना अनुष्ठान के साधन में सहायक होता है।
अनुष्ठान के समापन पर यथायोग्य माताजी का थाल करके समापन करें।